Wednesday, August 5, 2020

नई शिक्षा नीति (New Education Policy) 2020 कैसी होगी और कैसे ये आपके बच्चो पर प्रभाव डालेगी आइए जाने

जैसा कि आप लोगो को पता चल गया होगा  की भारत में नई शिक्षा 2020 आ गई है। इसी के बारे में आज हम बात करने वाले है की क्या है नई शिक्षा नीति क्या बदलाव हुए है और कब से लागू होगी  और कैसे बच्चो पर इसका प्रभाव पड़ेगा। क्या इसमें पोजिटिव थिंग्स है और क्या नेगेटि थिंग्स है।

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भारत में पहली बार शिक्षा मै बदलाव 1968 मै हुआ था , दूसरी बार 1986 में बदलाव हुआ और 1992 में और थोड़ा बदलाव हुआ। 

यह नीति बहुत ही सोच समझ कर बनाई गई है। गांव से लेकर शहर तक सभी के सुझाव को मदेनजर रखते हुए इस नीति का फैसला लिया गया है।  ISRO के पूर्व वैज्ञानिक कस्तूरी रंजन की अध्यक्षता में इस नई शिक्षा नीति का गठन हुआ है। ऐसा कोई जिला या पंचायत नहीं रहा जहां से सलाह या मशवरा नहीं लिया गया। किसी शिक्षा के मसौदे को तैयार करने में यह सबसे बड़ी कमेटी रही है जिसके सुझाव को माना गया है। 

नई शिक्षा नीति को इस प्रकार बाटा गया है 
10+2 = 5+3+3+4

इस  शिक्षा नीति में स्ट्रिम ख़तम कर दिया गया है और साथ ही 10+2 का सिस्टम भी समाप्त हो चुका है।


1. (5) फाउंडेशन - यह काल 5 साल का होगा जिसमें 
     3 साल और इससे ऊपर के बच्चो को दाखिला मिलेगा , 3 साल तक बच्चो को पढ़ाई की कोई जरूरत नहीं है वे अपनी मर्जी से खेल कूद, पेंटिंग्स और बाकी एक्टिविटइज कर सकेंगे जैसा प्ले स्कूल में होता है टीचर्स को भी इसकी ट्रेनिंग दी जाएगी।  3 साल  के बाद बाकी 2 साल मई 1st and 2d . इस काल कोई एक्जाम नहीं होंगे।

2. (3) Preparety स्टेज - इस काल में 3-5 क्लास तक की पढ़ाई होगी और साथ ही एक्टिविटइज कराई जाएंगी इसी के साथ languages  भी सिखाई जाएंगी जिनमें मदर और नेशनल मतलब की जिस राज्य में बच्चा  पढ़ रहा है वहीं की भाषा । इंग्लिश भाई भी सिखाई जायगी लेकिन इसके लिए बच्चो पर दबाव नहीं डाला जाएगा। इस काल में एग्जाम स्टार्ट हो जाएंगे।

3.(3) मिडिल स्टेज - इस काल में 6-8 क्लास तक की पढ़ाई होगी और साथ ही कंप्यूटर, सिलाई इलेक्ट्रिशियन 
वर्क, सिलाई कढ़ाई , जिस बच्चे की जिस में  रुचि हो वो कर सकता है , साथ ही अपनी मर्जी के विषय भी ले सकता है। और भारतीय लैंग्वेज जरूरी होगी।

4. (4) सेकंडरी स्टेज - इस काल में 9-12 क्लास तक की पढ़ाई होगी। स्ट्रीम की समाप्ति हो चुकी होगी इस काल में और एग्जाम्स सेमेस्टर वाइज होंगे । बच्चे अपनी मर्जी से मल्टीपल सब्जेक्ट्स   ले सकेंगे और एक फोरेंग लैंग्वेज अनिवार्य होगी । 

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