Wednesday, August 12, 2020

रक्षा उपकरणों पर भारत के आत्मनिर्भर होने की पहल

भारतीय रक्षा मंत्रयलय के द्वारा अधिसूचना जारी की गई है, जिसमें डिफेंस में इस्तेमाल होने वाले 101 रक्षा उपकरणों के आयात पर प्रतिबंध का ऐलान किया है।यह प्रतिबंध दिसंबर 2020 से लग जायगा कुछ उपकरणों पर चालू हो जाएगा और कुछ उपकरणों पर बाद में लगेगा। लेकिन यह बहुत ही महत्वपूर्ण शुरुआत है डिफेंस सेक्टर में भारत की आत्मनिर्भर बनाने का यह कदम इतना बड़ा है कि भारतीय सरकारी और निजी कंपनीज़ को सीधे 4 लाख करोड़ तक का बिजनेस मिलेगा अगले 5 सालो में।

भारत की मुख्य परेशानी जिसके बारे में हम सब जानते है कि भारत की अधिक मात्रा में रखा उपकरण चाहिए है। हमारे 2 शत्रुतापूर्ण पड़ोसी देश चीन और पाकिस्तान
जिनके आक्रमण का जवाब देने के लिए हमारी मिलिट्री तैयार रहे, यह हमारे देश के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।

आजादी से लेके अब तक हमारा डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर कभी भी पूर्ण रूप से  विकसित नहीं रहा, इसलिए हम आज भी प्रमुख रक्षा उपकरणों के लिए  निर्भर रहते है विदेशी देशों पर जैसे इजरायल, फ्रांस , अमेरिका और रूस। स्टॉकहोम अंतरराष्ट्रीय शांति अनुसंधान संस्थान
( SIPRI )स्वीडन में है जोकि रिपोर्ट प्रकाशित करती है डिफेंस सेक्टर को लेकर , स्टॉकहोम अंतरराष्ट्रीय शांति अनुसंधान संस्थान ( SIPRI ) ने बताया है कि आने वाले 5 सालो (2020-25) में भारत 130 बिलियन डॉलर खर्च करेगा डिफेंस सेक्टर पर।  2014-19 तक भारत 17 बिलियन डॉलर खर्च कर चुका है। इस अवधि में हमने ऑर्डर ज्यादा किए और भुगतान काम किया है इसलिए आगे आने वाले समय में भुगतान ज्यादा होगा अंतराष्ट्रीय स्तर पर।


आने वाले समय में भारतीय रक्षा सेक्टर में बहुत खर्च होगा और अब कोशिश ये रहेगी कि इसमें एक पर्याप्त रकम हमारे देश में ही रहे , हमारे  देश में जो लोग है उनको भी रोजगार मिले। जब हम किस देश को रक्षा उपकरणों का ओडर देते है तो हम उस देश को बहुत कुछ दे देते है। इसलिए भारत सरकार ने फैसला किया है कि जो 101 रक्षा उपकरण बाहर विदेशो से आने थे इस पर सरकार ने प्रतिबंध लगा दिया है, और अब  ये 101 रक्षा उपकरण भारत में ही बनेंगे  आर्म्ड फोर्सेज, आर्मी नेवी और एयर फोर्स । भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि यह एक बहुत बड़ा कदम है आत्मनिर्भर भारत के लिए। यह 101 उपकरण अंत नहीं है आगे आने वाले समय में और भी बहुत से रक्षा उपकरणों को भारत में ही बनाया जायगा।


इसका सीधा - सीधा फायदा भारतीय सरकारी और निजी कम्पनियों  को होगा सिर्फ इसी फाइनेंशियल वर्ष में 52000 करोड़ का ऑर्डर  भारतीय कम्पनियों को मिल सकता है। और आने वाले 5 सालो में  4 लाख करोड़  तक का ऑर्डर मिल सकता है


अब आप लोग सोच रहे होने की भारत में बनेंगे तो , हेलमेट , जैकेट , जूते आदि बनेंगे बस तो ऐसा नहीं है 
सरकार ने 101 उपकरणों की लिस्ट जारी की है
Artillery Gun
Missile Destroyer
Ship born missile
Light Combat Aircraft
Light Transport Craft
Conventional submarine 

ऐसे ही बहुत से उपकरण है जो भारत में बनेंगे, कुछ कम्पनियों के नाम है जिनको यह ऑर्डर्स मिल सकते है 

Bharat Dynamics
Bharat Electronics
Bharat Earth Movers
Defence Research and Development Org.
Larson and Turbo
Goa Shipyard

ऐसी और भी कई कंपनिया है।






No comments:

Post a Comment